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कदंभ तुम अश्व श्रेष्ठ है, फिर अधिरता किस बात की?? क्या सिर्फ इसलिए कि लक्षणा तुम्हारी प्रिय सखी है।अधीन होना तुम्हें कभी शोभा नहीं देता। इस संसार में तुम्हारा स्थान "गायत्री, ...